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वक्फ कानून के आते ही देश में सभी जगह पर हिंसा की ख़बरें आने लगी.पश्चिम बंगाल में तीन दिनों से हिंसा की ख़बरें से आ रहीं है. वहां कई हिन्दू परिवार के लोग अपना घर, जीवन भर की पूंजी छोड़कर वहां से पलायन कर रहे है. कुछ लोग अपने रिश्तेदारों के घर और कुछ झारखण्ड की शरण में आ गए.
बंगलादेश के दो कट्टरपंथी संगठन के सदस्यों की साज़िश
वक्फ कानून के विरोध के दौरान ये बाते सामने आई कि पश्चिम बंगाल में हुई हिंसा में बंगलादेशी कनेक्शन सामने आया है। न्यूज़ PTI सूत्रों ने बताया कि मुर्शिदाबाद में 10 से 12 अप्रैल में जो हिंसा हुई उसमें बंगलादेशी कट्टरपंथी शमिल थे. इन्हें एक राजनैतिक दल के स्थानीय नेताओं ने मद्द की थी. वहीँ एजेंसी के ख़ुफ़िया रिपोटर ने जानकारी दी कि बंगलादेश के दो कट्टरपंथी संगठन- जमात-उल मुजाहिदीन बांग्लादेश (जेएमबी) और अंसारुल्लाह बांग्ला टीम (एबीटी) के सदस्यों ने इसे अंजाम दिया था।
रिपोर्ट गृह मंत्रालय को बुधवार को सौंपी गई
केंद्रीय गृह मंत्रालय मुर्शिदाबाद के हालात पर नजर रखे हुए है. शांति और कानून व्यवस्था बनाये रखने के लिए राज्य पुलिस के साथ-साथ केंद्रीय बालों को तैनात किया गया है. भारत-बांग्लादेश सीमा पर तैनात सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) को विशेष निगरानी रखने का निर्देश दिया गया है, ताकि पश्चिम बंगाल इलाकों में अवैध घुसपैठ न हो सके। हिंसा से जुड़ी शुरुआती जांच की रिपोर्ट गृह मंत्रालय को बुधवार को सौंपी गई है।
कालू नदाब और दिलदार नदाब हुए गिरफ्तार
मुर्शिदाबाद हिंसा में पिता-पुत्र की हत्या कर दी गई थी। इस हत्या के आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. जोकि बीरभूम और बांग्लादेश के बॉर्डर से पकड़ा गया है। इनके नाम कालू नदाब और दिलदार नदाब है. जिन्होंने हरगोबिंद दास और चंदन दास की हत्या की थी.
3 लोगों की मौत हुई और 15 पुलिसकर्मी घायल
इस कानून के विरोध में पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद, नॉर्थ 24 परगना, हुगली और मालदा जिलों में हिंसक विरोध प्रदर्शन हुए थे। गाड़ियां जलाई गई. दुकानो और घरों में तोड़फोड़ कर लूट मचाई गई थी. इस वारदात में 3 लोगों की मौत हुई और 15 पुलिसकर्मी घायल हुये थे. 300 से ज्यादा लोग गिरफ्तार किए गए। केंद्र सरकार ने हिंसाग्रस्त इलाकों में 1600 जवान तैनात किए हैं। इनमें 300 BSF जवान तैनात किये हैं।