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22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद हुए ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 12 मई को बलिदान हुए भारतीय सेना के जवान झरिया निवासी रामबाबू सिंह के घर खुशियों की किलकारी गूंजी, जब रामबाबू सिंह की पत्नी अंजली सिंह ने धनबाद के एक अस्पताल में बेटी को जन्म दिया. बेटी के जन्म लेने से अंजली सिंह के पिता सुभाष चंद्र शर्मा सहित पूरे परिवार में खुशी का माहौल है.
उन्होंने बताया कि घटना के महज छह महीने पहले 14 दिसंबर 2024 को अंजली की शादी बिहार के सिवान जिले के बड़हरिया प्रखंड के वसिलपुर गांव निवासी रामविचार सिंह के पुत्र रामबाबू सिंह के साथ रीति रिवाज के साथ हुई थी.
रामबाबू सिंह आर्मी के आरटी ब्रिगेड में तैनात थे. होली में रामबाबू अपनी पत्नी के साथ गांव गए हुए थे. इसी दौरान ऑपरेशन सिंदूर को लेकर रामबाबू अपनी गर्भवती पत्नी को छोड़ वापस ड्यूटी पर चले गए. युद्ध के दौरान दुश्मन के ड्रोन हमले में वह शहीद हो गए.
वो आखिरी शब्द
छुट्टी के बाद वापस ड्यूटी पर लौटते समय रामबाबू सिंह ने अपनी पत्नी को कहा था फिर वापस आकर बच्चे की खुशी एक साथ मनाएंगे, पर नियति को कुछ और ही मंजूर था. 12 मई को बलिदान होने की खबर से पूरे परिवार में दुखों का पहाड़ टूट पड़ा था. पति के बलिदान के बाद उसकी आखिरी निशानी के रूप में बेटी के आने से उस दुख को कम करने में जुटे हैं.