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स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 में झारखंड के प्रदर्शन को लेकर भाजपा द्वारा लगाए गए आरोपों का झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) ने पलटवार किया है. झामुमो के केंद्रीय महासचिव सह प्रवक्ता विनोद कुमार पांडेय ने कहा कि भाजपा को शहरी विकास पर सवाल उठाने से पहले अपने कार्यकाल की “विफलताओं और भ्रष्ट निकायों” का हिसाब देना चाहिए.
उन्होंने कहा, “भाजपा का काम सिर्फ झूठ फैलाना और जनता को गुमराह करना रह गया है. हेमंत सरकार के कुशल नेतृत्व में झारखंड ने हाल ही में स्वच्छता के क्षेत्र में ऐतिहासिक उपलब्धियां दर्ज की हैं. जमशेदपुर और बुंडू को राष्ट्रपति और केंद्रीय मंत्री द्वारा सम्मानित किया जाना इस बात का प्रमाण है कि झारखंड सही दिशा में है.
74वें संशोधन पर भाजपा का प्रवचन हास्यास्पद
74वें संविधान संशोधन को लेकर भाजपा के आरोपों पर पांडेय ने तीखा हमला बोला. उन्होंने कहा, “जिन्होंने अपने शासनकाल में नगर निकायों को अफसरशाही के हवाले कर दिया और चुने हुए बोर्ड भ्रष्टाचार के अड्डे में तब्दील हो गए, वे आज लोकतंत्र की दुहाई दे रहे हैं. हेमंत सरकार निकाय चुनाव को लेकर गंभीर है और कानूनी प्रक्रिया पूरी होते ही चुनाव कराएगी.”
बता दें कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2024-25 में राज्य के दो शहरों को पिछले दिनों राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला है. जमशेदपुर को 3-10 लाख आबादी वाले शहरों में तृतीय स्थान प्राप्त हुआ जबकि बुंडू को “प्रॉमिसिंग स्वच्छ शहर” के रूप में सम्मानित किया गया है.
भाजपा ने लगाया था आरोप
इससे पहले प्रमुख विपक्षी दल भाजपा ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2025 में झारखंड के बेहद खराब प्रदर्शन और राजधानी रांची की गिरती रैंकिंग को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला था. भाजपा प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने कहा कि इस शर्मनाक स्थिति की जिम्मेदारी पूरी तरह हेमंत सरकार की है, जो ना सिर्फ शहरी शासन के प्रति असंवेदनशील है, बल्कि संविधान की मूल भावना का भी उल्लंघन कर रही है.
उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान का 74वां संशोधन शहरी निकायों में लोकतांत्रिक शासन की व्यवस्था सुनिश्चित करता है, लेकिन झारखंड सरकार पिछले पाँच वर्षों से नगर निकाय चुनाव कराने में विफल रही है. नतीजतन राज्य के सभी नगर निकाय सिर्फ अधिकारियों के हवाले हैं, जिन पर कोई जनप्रतिनिधि नियंत्रण नहीं रखता.
झारखंड में सरकार के सरंक्षण में अधिकारियों की मिलीभगत से नगर निकाय भ्रष्टाचार के अड्डे में तब्दील हो चुके हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि केंद्र की मोदी सरकार जहाँ स्वच्छ भारत मिशन जैसी ऐतिहासिक पहल को जन-आंदोलन बना रही है, वहीं राज्य सरकार ने ‘भ्रष्टाचार मिशन’ को ही नीति बना लिया है.
भाजपा ने हाईकोर्ट द्वारा बार-बार संज्ञान लेने और निर्देश देने के बावजूद अब तक निकाय चुनाव नहीं होने को लेकर भी सवाल उठाए. साथ ही तत्काल नगर निकाय चुनावों की घोषणा करने और लोकतांत्रिक शासन व्यवस्था बहाल करने की मांग की ताकि झारखंड विकास, पारदर्शिता और स्वच्छता की पटरी पर लौट सके.