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पहलगांव में हुए आतंकी हमले के बाद पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था अलर्ट मोड में है. वहीँ झारखण्ड पुलिस भी अलर्ट है. झारखण्ड पुलिस भी चापे-चापे पर पैनी नजर बनाए हुए है. सोशल मीडिया पर भी उनकी नजर बनी हुई है. वहीँ हजारीबाग के एसपी अरविन्द कुमार सिंह ने भी इस घटना को निंदनीय बताया है. वहीँ एसपी ने बोकारो कि घटना का जिक्र करते हुए कहा कि अगर हजारीबाग से किसी भी व्यक्ति आपत्तिजनक पोस्ट करेगा तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. एसपी ने जानकारी दी कि पहलगाम कि घटना में हजारीबाग का कोई कनेक्शन नहीं है. इस घटना में कोई भी संदिग्ध आतंकवादी का हजारीबाग से संबंध नहीं है. उन्होंने कहा कि घटना को देखते हुए हर एक बिंदु पर विशेष रूप से नजर रखी जा रही है.
2002 और 2017 में सुर्खियों में आया था हजारीबाग
बतादें कि छोटानागपुर प्रमंडलीय मुख्यालय हजारीबाग से आतंकियों का दो दशक से भी पूर्व का रिश्ता रहा है. देश में हुए कई बड़े आतंकी घटनाओं में हजारीबाग का नाम सामने आया और यहां से आतंकी पकड़े भी गए. 2002 में हजारीबाग सुर्खियों में आया था. जब कोलकाता के अमेरिकन सेंटर पर आतंकी हमला हुआ था. उसके बाद 2017 में हजारीबाग का आतंकी कनेक्शन मामला सामने आया था. जब रोहिंग्या मामले में युवाओं को भड़काने और मिजोरम-मणिपुर में आतंकवादी संगठन अल कायदा का बेस कैंप बनाने की तैयारी में जुटे संदिग्ध आतंकवादी का झारखंड कनेक्शन सामने आया था.
लश्कर के आतंकी तौफिक को किया गया था गिरफ्तार
वहीँ 28 जनवरी 2002 को दो आतंकी सदर थाना क्षेत्र के खिरगाँव मोहल्ले में मारे गए थे. जिसमें इदरीश नाम का आतंकी घटनास्थल पर ही मारा गया था. सलीम अस्पताल में बयान देने के बाद मर गया था. सलीम ने बताया था कि दोनों पाकिस्तान के लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी हैं. उसने स्वीकारा था कि कोलकाता में 22 जनवरी 2002 को अमेरिकन सूचना केंद्र पर हमला करने में उसका हाथ था. 29 फरवरी 2012 को हजारीबाग स्थित पगमिल मोहल्ले के कश्मीर हाउस से लश्कर के आतंकी तौफिक को गिरफ्तार किया गया था. उसकी निशानदेही पर दिल्ली में इसके एक साथी एहतेशाम को भी गिरफ्तार किया गया था. तौसिफ पार्ट वन की पढ़ाई कर रहा था. उसके बाद 8 नवम्बर 2023 में भी आतंकी संगठन आईएसआईएस से जुड़े आतंकी को झारखंड एटीएस की टीम ने गिरफ्तार किया था.