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उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री ने सिविल सर्जन को निर्देश देते हुए कहा कि राँची शहर में आवारा कुत्तों और घरेलू डॉग बाइट की घटना के मामले आ रहें है, इसे लेकर रेबीज की वैक्सीन सभी अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रखें. इसके अलावा नगर निगम के सहयोग से भी कुत्तों का नेचुरिंग” (neutering) या “स्पैइंग” (spaying) कराने पर भी जोर देने की बात कही. उपायुक्त ने आगामी बरसात में अस्पतालों में सर्पदंश के मामले बढ़ने की संभावना के मद्देनजर सभी अस्पतालों में एंटीवेनम रखने के भी निर्देश दिए.
उपायुक्त की अध्यक्षता में बुधवार को सदर अस्पताल सभागार में अस्पताल प्रबंधन समिति, गवर्निंग बॉडी की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. बैठक में सिविल सर्जन डॉ. प्रभात कुमार, आयुष्मान भारत के नोडल पदाधिकारी, चिकित्सा विशेषज्ञों, रोगी कल्याण समिति के सदस्यों समेत कई अन्य लोग मौजूद थे. बैठक का मुख्य उद्देश्य सदर अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार, बुनियादी ढांचे का विकास, और रोगी कल्याण योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करना था.
उपायुक्त ने कहा, “सदर अस्पताल, राँची न केवल जिला मुख्यालय का प्रमुख स्वास्थ्य केंद्र है, बल्कि आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों के लिए भी जीवन रेखा है. हमारा लक्ष्य है कि प्रत्येक मरीज को समय पर गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सुविधा मिले. उन्होंने बैठक में लिए गए निर्णयों को शीघ्रता से लागू करने का निर्देश दिया ताकि अस्पताल की सेवाएँ और बेहतर हो सकें.” उन्होंने सिविल सर्जन को निर्देश देते हुए कहा की सदर अस्पताल परिसर में स्वच्छता और हरियाली को बढ़ावा दे ताकि मरीजों को एक स्वस्थ वातावरण मिलें.
पेट स्कैन और मैमोग्राफी सेवाओं की स्थापना
बैठक में सदर अस्पताल में अत्याधुनिक पेट स्कैन सेवाओं की स्थापना करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई ताकि कैंसर और अन्य जटिल रोगों के निदान में मदद मिल सके. इससे मरीजों को स्थानीय स्तर पर उच्च गुणवत्ता वाली जांच की सुविधा भी उपलब्ध होगी. इसके अलावा महिलाओं के स्वास्थ्य के मद्देनजर जल्द ही सदर अस्पताल में मैमोग्राफी सेवाओं की शुरुआत करने पर भी सहमति बनी. जिससे स्तन कैंसर की प्रारंभिक जांच और रोकथाम में महत्वपूर्ण मदद मिलेगी. आपातकालीन और नियमित चिकित्सा जरूरतों को पूरा करने के लिए 24×7 रेडियोलॉजी सेवाएं (अल्ट्रासाउंड, एक्स-रे आदि) शुरू करने का भी फैसला लिया गया है.
बैठक में सदर अस्पताल में दो अत्याधुनिक मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर (ओटी) स्थापित करने, ब्लॉक स्तर पर रक्त नमूना संग्रह केंद्र बनाने पर भी विचार किया गया ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले मरीजों के लिए जांच सुविधाएं सुलभ हो सके. उपायुक्त ने आपातकालीन सेवाओं, मातृ-शिशु स्वास्थ्य देखभाल, और संचारी रोग नियंत्रण कार्यक्रमों पर विशेष ध्यान देने की बात कही. वहीं मरीजों की सुविधा के लिए ओपीडी (बाह्य रोगी विभाग) के समय को और अधिक प्रभावी बनाने का निर्णय लिया गया.