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झारखमड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने हेमंत सरकार की स्वास्थ्य व्यवस्था पर जमकर निशाना साधा है. प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने रिम्स-2 परियोजना को लेकर पार्टी की आधिकारिक स्थिति स्पष्ट की और वर्तमान रिम्स की बदहाली को उजागर किया. इस दौरान प्रेसवार्ता में सह मीडिया प्रभारी अशोक बड़ाइक भी उपस्थित थे.
अजय साह ने झारखंड उच्च न्यायालय की हालिया टिप्पणी का उल्लेख करते हुए बताया कि रिम्स में डॉक्टरों, प्रोफेसरों, नर्सों और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की भारी कमी है. सरकार स्थायी नियुक्तियों से बचते हुए आउटसोर्सिंग का रास्ता अपना रही है, जो न केवल अव्यवस्था को जन्म देता है बल्कि संविधान के अनुच्छेद 15 और 16 की मूल आत्मा का भी उल्लंघन करता है. रिम्स में एक्स-रे, अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन मशीन जैसे ज़रूरी उपकरण, लंबे समय से खराब पड़े हैं. बावजूद इसके, सरकार का ध्यान स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ करने की बजाय, केवल नई-नई इमारतें बनाने पर केंद्रित है.
कैग (CAG) रिपोर्ट का हवाला देते हुए प्रदेश प्रवक्ता ने कहा कि नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ने अपनी रिपोर्ट में राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं की पोल खोलकर रख दी है, लेकिन सरकार ने उस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की. रिम्स में कभी किसी बच्चे की लिफ्ट में फंसने से मौत हो जाती है तो कभी कोई मरीज अस्पताल परिसर में ही दम तोड़ देता है, ये घटनाएं बताती हैं कि रिम्स न डॉक्टरों के लिए सुरक्षित है, न ही मरीजों के लिए. सरकार की प्राथमिकता जनस्वास्थ्य नहीं, बल्कि हज़ारों करोड़ की इमारत बनवाकर कमीशनखोरी करना है.