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झारखंड सरकार ने डीजीपी अनुराग गुप्ता को 30 अप्रैल 2025 के बाद डीजीपी के पद पर नहीं बनाए रखने के केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय के निर्देश पर असहमति जताई है. इस संबंध में राज्य सरकार ने केंद्र को जवाब भेजा है. 30 अप्रैल की रात भेजे गये इस जवाब में राज्य सरकार ने डीजीपी की नियुक्ति के लिए झारखंड में बनाये गये नए नियम को सही करार दिया है. मिली जानकारी के अनुसार, डीजीपी अनुराग गुप्ता के नियुक्ति मामले में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा दिये गये दिशा निर्देश के मुद्दे पर राज्य सरकार ने कानूनी परामर्श लेने के बाद केंद्र को अपना जवाब भेजा है. केंद्र सरकार के द्वारा उठाये गये हर बिंदु का पत्र में जवाब दिया गया है.
भेजे गए जवाब में झारखंड ने क्या कहा
केंद्र सरकार को भेजे गये जवाब में झारखंड सरकार ने कहा है कि राज्य सरकार ने पुलिस एक्ट में निहित शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए डीजीपी की नियुक्ति संबंधी नई नियमावली बनायी है. सरकार द्वारा बनाया गया नियम सुप्रीम कोर्ट के गाइडलाइन के अनुकूल है. जवाब में यह भी कहा गया है कि डीजीपी की नियुक्ति के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट में फिलहाल एक मामला विचाराधीन है और न्यायालय द्वारा इस संबंध में अंतिम फैसला लिया जाना बाकी है कि डीजीपी के रूप में 1990 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अनुराग गुप्ता की नियुक्ति नियमानुसार है या नहीं. इसलिए इस मुद्दे पर न्यायालय के फैसले के पहले उन्हें इस पद से हटाना सही नहीं है.
क्या है डीजीपी नियुक्ति से जुड़ा मामला
अनुराग गुप्ता को डीजीपी के पद से 30 अप्रैल को सेवानिवृत्ति देने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने 22 अप्रैल को पत्र लिखा था. गृह मंत्रालय की ओर से लिखे गये पत्र में इस बात का उल्लेख था कि मंत्रालय ने अनुराग गुप्ता को सेवा विस्तार नहीं दिया है. वह 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त होंगे, इसलिए उनकी सेवानिवृत्ति के बाद भी डीजीपी के पद पर सेवा में बनाये रखना वैध नहीं है.