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भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी राज्य कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर भाकपा के राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने कहा कि केंद्र की सरकार किसानों एवं मजदूरों पर कहर बरपा रही है, 44 श्रम संहिता को चार लेबर कोड में बदल दिया, किसानों को धोखा दिया जा रहा है. न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी सरकार अब तक नहीं कर पाई है.
केंद्र सरकार के मजदूरी विरोधी नीतियों के विरोध में 17 सूत्री मांगों के समर्थन में 9 जुलाई को आम हड़ताल में शामिल होंगे. इस मौके पर एटक के राज्य सचिव अशोक यादव, जिला सचिव अजय कुमार सिंह, कर्मचारी संघ के सुनील साहू, बैंक एम्पलाइज एसोसिएशन के शशिकांत भारती, एआईबीए के सरफराज अहमद मौजूद थे.
हड़ताल के दौरान कोयला क्षेत्र में उत्पादन और ढुलाई दोनों बंद रहेगा तो वहीं बैंक, एलआईसी से लेकर तमाम सार्वजनिक क्षेत्र के कल-कारखाने, सेल, भेल, रेल से लेकर हवाई जहाज तक बनाने एवं उड़ने वाले मजदूर हड़ताल पर रहेंगे.
देश के तमाम किसान संगठनों ने भी आम हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है. झारखंड में झारखंड मुक्ति मोर्चा, कांग्रेस, राजद सहित सभी वामदलों ने मजदूर किसान के हड़ताल का समर्थन किया है, झारखंड में 2 घंटे का चक्का जाम होगा.
भाकपा के राज्य सचिव महेंद्र पाठक ने छोटे बड़े व्यापारियों सहित फुटपाथ दुकानदारों से भी अपील करते हुए कहा कि केंद्र सरकार के नीतियों के कारण ही खुदरा व्यापार में पूंजीपतियों का आगमन देश के लिए शुभ संकेत नहीं है. छोटे छोटे व्यापारी भी मारे जाएंगे. कुल मिलाकर केंद्र की मोदी सरकार जन विरोधी फैसले ले रही है, इसके विरोध में हो रहे आम हड़ताल को सफल बनाएं. हड़ताल की पूरी तैयारी कर ली गई है. राज्य में लाखों मजदूर- किसान हड़ताल में शामिल होंगे. अगर केंद्र सरकार नही चेती तो 2029 के लिए यह हड़ताल मोदी सरकार के ताबूत में आखिरी कील साबित होगी.