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झारखंड विधानसभा में पारित “झारखंड कोचिंग सेंटर (नियंत्रण एवं विनियमन) विधेयक, 2025” को लेकर झारखंड मुक्ति मोर्चा के केंद्रीय सदस्य डॉ. तनुज खत्री ने कहा कि यह अधिनियम राज्य के लाखों छात्रों और अभिभावकों की सुरक्षा के लिए मील का पत्थर साबित होगा. आज शिक्षा का एक बड़ा हिस्सा कोचिंग संस्थानों पर आधारित है और लंबे समय से इस क्षेत्र में नियंत्रण की आवश्यकता महसूस की जा रही थी. ऐसे में हेमंत सरकार के इस ऐतिहासिक कदम से स्पष्ट संदेश है कि झारखंड में शिक्षा सेवा है, कारोबार नहीं.
जेएमएम के केंद्रीय सदस्य ने कहा कि अब कोचिंग संस्थानों का पंजीकरण अनिवार्य होगा और मनमानी फीस वसूली पर पूरी तरह रोक लगेगी. यह गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए राहत लेकर आया है, जिनकी मेहनत की कमाई अब सुरक्षित रहेगी. हेमंत सरकार ने छात्रों के मानसिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देते हुए दूरदर्शी निर्णय लिया है. अब प्रत्येक कोचिंग सेंटर में प्रमाणित मानसिक स्वास्थ्य परामर्शदाता की नियुक्ति अनिवार्य होगी, जिससे छात्रों पर बढ़ते तनाव और दबाव को कम किया जा सकेगा.
डॉ. तनुज ने कहा कि छात्रों की समस्याओं का समाधान अब स्थानीय स्तर पर ही होगा. इसके लिए जिला स्तर पर नियामक समितियाँ गठित की जा रही हैं, जो शिकायतें सुनेंगी और उनका समयबद्ध निपटारा करेंगी. इसके अलावा भ्रामक विज्ञापन और झूठे दावों पर भी अब रोक लगेगी. कोचिंग संस्थानों को गुमराह करने वाले दावे करने की अनुमति नहीं होगी और ऐसा करने पर उन पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह अधिनियम छात्रों को सुरक्षित, पारदर्शी और बेहतर वातावरण में पढ़ाई करने का अधिकार प्रदान करेगा.