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केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री सह रांची सांसद संजय सेठ विश्व योग दिवस के मौके पर रांची के कांके के कुम्हारिया गांव में प्रधानमंत्री श्री स्कूल में ग्रामीणों के साथ योग करेंगे. इस मौके पर 20 अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी भी भाग लेंगे. शुक्रवार को आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि शनिवार को पूरा देश 11वां अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाएगा. पूरे देश भर में एक लाख जगहों पर और 175 देशों में योग का आयोजन किया जाएगा.
केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संकल्प देश के लोग निरोग रहें, इसी को लेकर 11 साल पूर्व योग दिवस पर देश के सभी नागरिकों को योग से जुड़ने की अपील की थी, जिसका असर है कि आज पूरा विश्व योग को अपनाकर अपने स्वास्थ्य जीवन का लाभ ले रहे हैं. कोरोना काल में लोगों ने योग को अपनाकर अपनी जान बचाई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्रेरणा से हम लोग सभी आज योग के क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं.
जलमग्न रांची को लेकर बोले रांची सांसद
सांसद संजय सेठ ने कहा कि भारी बारिश के कारण कल जो रांची में हुआ वह नहीं होना चाहिए था. वह ईश्वर की बड़ी कृपा है कि आज बारिश नहीं हुई अगर आज बारिश होती तो क्या हाल होता. इसका दोषी कौन?
मैं कोई राजनीति नहीं करना चाहता. मैं रांची को बचाने आया हूं. रांची नगर निगम के अक्रमण्यता के कारण रांची आज चारों तरफ से पानी पानी हुआ पड़ा है. हर तरफ घर दुकान डूबे हुए हैं. यह नगर निगम की अकर्मण्यता है. जिससे रांची के लोगों का जीवन नारकीय बन गया है.
रांची सांसद ने कहा कि रांची की ऐसी नारकीय स्थिति का एक बड़ा कारण नगर निगम का चुनाव नहीं होना भी है. चुनाव होने के उपरांत संबंधित वार्ड सदस्य अपने-अपने क्षेत्र की देखरेख और साफ सफाई की जिम्मेदारी लेते हैं. इसके परिणाम स्वरूप जलजमाव नहीं होता. पार्षद सालों भर अपने-अपने मोहल्लों की नालियों की सफाई करते रहते हैं, परंतु चुनाव नहीं होने से पूरी व्यवस्था चरमरा गई है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह सोचने वाली बात है कि पहाड़ी इलाका रांची आखिर जलमग्न कैसे हो रहा है? आखिर नगर निगम के चुनाव क्यों नहीं हो रहे हैं. इसका जिम्मेदार कौन है. 2 दिन की बारिश में लोगों के करोड़ों रुपए की संपत्ति बर्बाद हुई, इसका जिम्मेदार कौन.
जहां-तहां बड़े-बड़े नालों पर मौजूद अतिक्रमण भी जलजमाव का एक बड़ा कारण है. क्योंकि इसके कारण नालों की सफाई नहीं हो पाती है. जिस वजह से कई मोहल्ले डूबे हुए हैं. राजधानी में बिजली आपूर्ति को लेकर भी सवाल उठाते हुए कहा कि पूरा शहर और गांव अंधकार में है. शासन प्रशासन रांचीवासियों की चिंता करे और प्राथमिकता के आधार पर इस दिशा में काम शुरू होना चाहिए.