जीटी रोड लाइव खबरी
राजद नेता व बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार के चंपारण में एक कार्यक्रम के दौरान महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी के साथ हुई कथित बदसलूकी पर सत्तारूढ़ एनडीए सरकार को आड़े हाथों लिया है. तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर एक वीडियो साझा करते हुए बिहार की जनता की ओर से तुषार गांधी से माफी मांगी और इसे गांधीवादी विचारधारा का अपमान बताया.
एक्स पर क्या लिखा तेजस्वी यादव ने
तेजस्वी यादव ने राजद के एक्स हैंडल पर मौजूद वीडियों को अपने एक्स अकाउंट पर शेयर करते हुए लिखा, “परम पूजनीय राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी और उनके विचारों एवं दर्शन का अनुयायी होने एवं देश की आजादी में उनके योगदान, समर्पण, त्याग व बलिदान के प्रति अपनी कृतज्ञता प्रकट करते हुए मैं समस्त बिहारवासियों की ओर से श्री तुषार गांधी जी से हाथ जोड़कर माफ़ी माँगता हूँ. आशा है वो हमें माफ कर देंगे.”
पूर्वी चंपारण के तुरकौली गांव पहुंचे थे तुषार गांधी
बता दें कि महात्मा गांधी के परपोते तुषार गांधी सोमवार को पूर्वी चंपारण के तुरकौली गांव में थे, जो महात्मा गांधी के पहले चंपारण सत्याग्रह की ऐतिहासिक भूमि रही है. यहां एक पंचायत भवन में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लेने पहुंचे तुषार गांधी के साथ एक व्यक्ति ने तीखी बहस की.
वीडियो में वह व्यक्ति तुषार को कहता है, ‘मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है, नीतीश सरकार भी. आपको शर्म आनी चाहिए कि आप यह सच स्वीकार नहीं कर पा रहे, जबकि आप गांधी जी के वंशज हैं.’ राजद ने इस व्यक्ति के भाजपा से जुड़े होने का दावा किया है.
घटना के बाद जनसभा को किया संबोधित
इस घटना के बाद तुषार गांधी को पंचायत भवन से बाहर जाना पड़ा, उसके बाद उन्होंने बाहर एक जनसभा को संबोधित किया. अपने भाषण में तुषार गांधी ने कहा, ‘बापू को मारे हुए बहुत समय हो गया है, लेकिन गोडसे की विचारधारा अब भी जिंदा है. आज असहमति की हर आवाज को दबाने की कोशिश की जा रही है.’ इस मौके पर जनसभा में मौजूद लोगों ने ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाए और तुषार गांधी के समर्थन में खड़े दिखे.
बाद में तुषार गांधी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, ‘बिहार को बदलाव की जरूरत है. एनडीए सरकार वादे पूरे नहीं कर पाई है. महागठबंधन एक विकल्प हो सकता है, लेकिन सत्ता में आने के बाद उसे भी मैं जवाबदेह बनाऊंगा.’ उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी तंज कसते हुए कहा कि उन्होंने चंपारण के नाम में ‘सत्याग्रह’ जोड़ने का सुझाव दिया था, जिसे नीतीश ने स्वीकार किया लेकिन अब भूल चुके हैं. तुषार ने चुटकी लेते हुए कहा, उनकी राजनीति में पलटी मारना आम बात है.