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जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ के चशोती इलाके में बादल फटने से बड़ी तबाही हुई है. इस आपदा में 33 लोगों की मौत हो गई. सभी के शव बरामद कर लिए गए है. बादल फटने की यह घटना जिस जगह पर हुई, वहां लंगर चल रहा था. बादल फटते ही वहां पर पानी तेजी के साथ आया, जिसकी चपेट में वहां मौजूद लोग आ गए. इस हादसे में 70 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं. हादसे के बाद वहां रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. घायलों में कई की स्थिति गंभीर बताई जा रही है. ऐसे में मृतकों का आंकड़ा और बढ़ सकता है. इस हादसे के बाद मचैल माता यात्रा को फिलहाल स्थगित कर दिया गया है.
गृह मंत्री ने उपराज्यपाल व मुख्यमंत्री से बात की
किश्तवाड़ में बादल फटने की घटना के बाद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की और उन्हें लोगों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया. शाह ने यह भी कहा कि स्थानीय प्रशासन राहत एवं बचाव कार्य चला रहा है तथा राष्ट्रीय आपदा मोचन बल की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं.
शाह ने ‘एक्स’ पर कहा कि किश्तवाड़ ज़िले में बादल फटने की घटना पर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से बात की. स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य कर रहा है. एनडीआरएफ की टीमें तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गई हैं.”
जिला प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हुई हैं. दोनों पुल, लकड़ी का पुल और पीएमजीएसवाई पुल, क्षतिग्रस्त हो गए हैं. बादल चशोती में फटा जो मंदिर के मार्ग पर स्थित ऐसा अंतिम गांव है, जहां किसी वाहन से पहुंचा जा सकता है. चशोती में दोपहर 12 बजे से अपराह्न एक बजे के बीच उस समय बादल फटा जब बड़ी संख्या में लोग मचैल माता मंदिर की यात्रा के लिए एकत्र हुए थे.
किश्तवाड़ के चिशोती गांव में बादल फटने के बाद सेना के व्हाइट नाइट कॉर्प्स के जवान बचाव और राहत कार्यों के लिए तेज़ी से जुट गए हैं. इन जवानों की प्राथमिकता लोगों की जिंदगी बचाना और फंसे हुए लोगों की सहायता करना है. लापता लोगों की तलाश की जा रही है. ये जवान राहत सामग्री, मेडिकल टीम और बचाव उपकरण लेकर घटनास्थल पर पहुंच गए हैं.