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अयोध्या राम मंदिर के बाद अब बिहार के सीतामढ़ी में माता सीता के मंदिर का निर्माण होगा. शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने पुनौरा धाम में मां जानकी मंदिर और उसके परिसर के व्यापक विकास योजना की आधारशिला रखी. इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और कई केंद्रीय मंत्री मौजूद रहे. ये मंदिर 882 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से बनेगा. यह वही पवित्र स्थान है जिसे माता सीता का जन्मस्थान माना जाता है.
बिहार और केंद्र सरकार की इस संयुक्त परियोजना का उद्देश्य इस धाम को अयोध्या की तर्ज पर विकसित करना है, ताकि यह न सिर्फ श्रद्धालुओं बल्कि देश-विदेश के पर्यटकों के लिए भी प्रमुख धार्मिक केंद्र बन सके.
वहीं, मंदिर के शिलान्यास की टाइमिंग पर विपक्ष सवाल उठा रहा हैं. हालांकि सरकार का कहना है कि आज हर बिहारी का सपना पूरा होने जा रहा है. इस मौके पर शाह ने जनता को संबोधित भी किया.
घुसपैठिए इनके वोट बैंक हैं: अमित शाह
अमित शाह ने कहा, ‘विधानसभा चुनाव के पहले मतदाता सूची से घुसपैठियों को निकालना चाहिए या नहीं? जो भारत में जन्मा नहीं है, उसको भारत में वोट देने का अधिकार हमारा संविधान नहीं देता है. राहुल बाबा, आप संविधान लेकर घूम रहे हो, उसको खोलकर तनिक पढ़ भी लो. ये एनआरसी का विरोध कर रहे हैं, क्योंकि घुसपैठिए इनके वोट बैंक हैं. मुझे स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है कि यहां आने वाले दिनों में पूर्ण बहुमत के साथ एनडीए की सरकार बनने वाली है.’
‘मैं तो बनिए का बेटा हूं, एक-एक हिसाब लेकर आया हूं’
केंद्रीय गृह मंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा, ‘मैं तो बनिए का बेटा हूं, एक-एक हिसाब लेकर आया हूं. मोदी जी ने पिछले 6 दौरे में 83000 करोड़ रुपए बिहार के विकास के लिए दिए हैं. मैं यहां से तेजस्वी यादव को पूछने आया हूं कि आपके माता-पिता का कई साल शासन रहा, गुंडई करने, गैंग चलाने, अपहरण और फिरौती के अलावा मिथिलांचल के विकास के लिए क्या किया? इसका हिसाब दो. आप मेरा हिसाब मांग रहे थे, मैंने पाई-पाई का हिसाब दे दिया. लालू जी, यदि कुछ किया हो तो इसी मैदान में आकर बता दीजिएगा, और माता जानकी के मंदिर में दर्शन भी कीजिएगा, तो उपकार होगा.
यह सिर्फ मंदिर नहीं है, भाग्योदय की है शुरुआत
अमित शाह ने कहा, ‘पहले जब लालू जी रेल मंत्री थे, तब बिहार के रेल के विकास के लिए हर साल 1132 करोड़ रुपए खर्च करते थे, और मोदी जी ने सिर्फ 2025-26 में 10066 करोड़ रुपए का खर्च रेल के लिए किया.
मैं मिथिलांचल के लोगों से कह रहा हूं कि यह सिर्फ मंदिर नहीं है, बल्कि मिथिलांचल और बिहार के भाग्योदय की शुरुआत है. शारदा सिन्हा जी को 2018 में पद्म भूषण और 2025 में मरणोपरांत पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया. अटल जी ने मैथिली को आठवीं अनुसूची में समावेश किया, और मोदी जी ने वैश्विक मंच पर मिथिला की कला को आगे बढ़ाया. अर्जेंटीना और दक्षिण कोरिया के उपराष्ट्रपति को मिथिला पेंटिंग भेंट कर मिथिलांचल को आगे बढ़ाया’