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झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी को झारखंड हाईकोर्ट से सोमवार को तगड़ा झटका लगा जब हाईकोर्ट ने समय से पहले रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार को हटाये जाने के स्वास्थ्य मंत्री के आदेश पर तत्काल प्रभाव से रोक लगी दी है. झारखंड हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक रौशन की कोर्ट ने बीते 17 अप्रैल को जारी उस आदेश पर रोक लगा दी है, जिसमें स्वास्थ्य विभाग ने रिम्स के तत्कालीन निदेशक डॉ. राजकुमार को तत्काल प्रभाव से पद से हटाने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट में इस मामले की अब अगली सुनवाई छह मई को होगी.
हाईकोर्ट ने इसके साथ ही राज्य सरकार एवं अन्य को नोटिस जारी करने व शपथ पत्र के माध्यम से जवाब दाखित करने का भी निर्देश दिया है. कोर्ट ने कहा कि यह आदेश स्टिगमेटिक (कलंक लगाकर हटाना) है. तो यह कानून के विरुद्ध है. हटाने जाने संबंधी तय प्रक्रिया को अपनाया जाना चाहिए था. डॉ. राजकुमार को एक मौका मिलना चाहिए था.
दरअसल रिम्स के निवर्तमान निदेशक डॉ राजकुमार ने गलत तरीके से पद से हटाये जाने को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी. अपनी याचिका में उन्होंने कहा था कि यह नैसर्गिक न्याय और रिम्स की नियमावली के खिलाफ है. रिम्स निदेशक की नियुक्ति तीन साल के लिए की जाती है. उन्होंने कभी भी किसी नियम के खिलाफ कोई काम नहीं किया. उन्हें झूठे आरोपों में हटाया गया.
क्या था 17 अप्रैल को जारी स्वास्थ्य विभाग का आदेश
बीते 17 अप्रैल को स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से जारी प्रेस बयान में डॉ. राजकुमार को रिम्स निदेशक पद से तत्काल प्रभाव से हटाये जाने का आदेश दिया गया था जिसमें आरोप लगाया था कि निदेशक की ओर से रिम्स के संचालन के काम में दिक्कतें पैदा करना, नियमवली के नियमों को नजरअंदाज करना, सरकार और कैबिनेट के निर्देशों का पालन नहीं करना था.