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केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने कर्नाटक में बुधवार सुबह गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर के ट्रस्ट के शैक्षणिक संस्थानों पर छापेमारी की. यह ट्रस्ट कई इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज चलाता है. ईडी के दो दर्जन से अधिक अधिकारी बुधवार सुबह करीब 9 बजे बेंगलुरु से 70 किलोमीटर दूर तुमकूरु में श्री सिद्धार्थ ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूशन्स के परिसर पहुंचे. हालांकि अब तक यह पुष्टि नहीं हो पाई है कि यह छापेमारी कुछ साल पहले हुई आयकर छापेमारी का फॉलो-अप है या फिर उससे अलग कोई नया मामला है.
आयकर विभाग को मिली थी भारी नकदी
आयकर अधिकारियों ने अपनी कार्रवाई में तुमकूरु परिसर से साढ़े चार करोड़ रुपये और जी परमेश्वर के आवास से 70 लाख रुपये की नकदी जब्त की थी. उस दौरान इस कार्रवाई पर अपनी प्रतिक्रिया में जी. परमेश्वर ने कहा था कि कॉलेज से जब्त की गई नकदी एक किसान से जमीन खरीदने के लिए थी. बुधवार की छापेमारी के कारणों का पता प्रवर्तन निदेशालय की ओर से औपचारिक प्रेस विज्ञप्ति आने के बाद चलेगा.
कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया
वहीं, कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने ईडी की इस छापेमारी के लिए बीजेपी और मोदी सरकार पर निशाना साधा है. सुरजेवाला ने एक्स पर पोस्ट किया, ” अनुसूचित जाति के बड़े नेताओं में से एक और कर्नाटक के गृह मंत्री डॉ. जी. परमेश्वर के शैक्षणिक संस्थानों पर ईडी की छापेमारी, कल होसपेट में एक लाख एससी-एसटी परिवारों को ज़मीन का मालिकाना हक देने पर बीजेपी और मोदी सरकार की हताशा भरी प्रतिक्रिया है.”
सुरजेवाला ने अपने पोस्ट में बताया कि तुमकूरु में शैक्षिक विकास के लिए सिद्धार्थ इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी की स्थापना 1979 में और सिद्धार्थ मेडिकल कॉलेज की स्थापना 1988 में हुई थी. यह वाकई हैरान करने वाली बात है कि इस संस्था की स्थापना के 46 साल बाद मोदी सरकार इसमें गलत कामों की तलाश कर रही है, जबकि बीजेपी के भ्रष्टाचार की जांच (कर्नाटक का) गृह मंत्रालय और डॉ. जी. परमेश्वर कर रहे हैं. ईडी के छापे पिछली बीजेपी सरकारों के भ्रष्टाचार को छिपाने और शोषितों की आवाज़ उठाने वालों की आवाज़ दबाने की एक हताशा भरी कोशिश लगती है.