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झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने दिल्ली स्थित निर्माण भवन में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री जे.पी. नड्डा जी से मुलाकात की. इस दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय के कई वरीय पदाधिकारी भी उपस्थित रहे. स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफॉन अंसारी ने न केवल केंद्रीय मंत्री को झारखंडी हस्तनिर्मित अंगवस्त्र और पुष्पगुच्छ भेंट कर सम्मानित किया, बल्कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कई गंभीर और दूरदर्शी मांगें भी उनके समक्ष रखी.
बैठक के दौरान डॉ. इरफान अंसारी ने झारखंड में मेडिको सिटी की मांग को प्राथमिकता दी. उन्होंने स्पष्ट किया कि राज्य में प्रतिदिन हज़ारों की संख्या में मरीज आते हैं, लेकिन सीमित संसाधनों के कारण उन्हें अक्सर दूसरे राज्यों का रुख करना पड़ता है. स्वास्थ्य सेवाओं को समर्पित एक सम्पूर्ण मेडिकल इंफ्रास्ट्रक्चर (मेडिको सिटी) राज्य के लिए आवश्यक है. NMC नॉर्म्स का हवाला देते हुए उन्होंने झारखंड में जनसंख्या अनुपात के आधार पर कम से कम 39 मेडिकल कॉलेज होने की बात कही. जबकि वर्तमान में केवल 9 ही हैं. उन्होंने 6 नए मेडिकल कॉलेजों की मंजूरी की मांग केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से की.
स्वास्थ्य मंत्री ने देवघर में एम्स की स्थापना पर केंद्र सरकार का आभार जताते हुए राजधानी रांची में भी एम्स की स्थापना की मांग की. उन्होंने कहा कि रांची राज्य की चिकित्सा गतिविधियों का केंद्र है, ऐसे में वहां एक एम्स की सख्त जरूरत है. साथ ही उन्होंने 100 वर्ष पूर्ण कर चुके रिनपास को अपग्रेड करने की भी मांग की. उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा को रिनपास के शताब्दी समारोह के लिए भी आमंत्रित किया. राज्य में नकली दवाओं की बढ़ती समस्या को लेकर स्वास्थ्य मंत्री ने दो मेडिसिन टेस्टिंग लैब खोलने की भी मांग रखी, जिसे केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने तत्काल मानते हुए दो टेस्टिंग लैब्स देने की स्वीकृति दी.
रिम्स-2 को लेकर डॉ. इरफान अंसारी ने कहा
स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी ने रिम्स-2 के भाजपा के विरोध पर कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है. स्वास्थ्य के क्षेत्र में राजनीति नहीं होनी चाहिए क्योंकि यह सीधे तौर पर राज्य की जनता की ज़िंदगी से जुड़ा हुआ सवाल है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा कि यह बैठक सिर्फ औपचारिकता नहीं थी बल्कि झारखंड के स्वास्थ्य के क्षेत्र में भविष्य की दिशा में एक ऐतिहासिक मोड़ है, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग ने जो संकल्प लिया है, उसे साकार करने के लिए केंद्र और राज्य अब एक साथ खड़े हैं.