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झारखंड में डीजीपी का मामला राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है. केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से झारखंड सरकार को भेजे गए पत्र में डीजीपी के रूप में अनुराग गुप्ता की नियुक्ति को अवैध कराते हुए 30 अप्रैल के बाद पद पर नहीं रखने को कहा था लेकिन झारखंड सरकार ने केंद्र को भेजे पत्र में डीजीपी की नियुक्ति को सही बताया. अब इस मामले को लेकर राजनीतिक आरोप- प्रत्यारोप भी शुरू हो गया है.

संवैधानिक रूप से डीजीपी विहीन झारखंड : बाबूलाल 

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने इस मुद्दे पर अपने एक बयान में कहा कि विगत दो दिनों से झारखंड डीजीपी विहीन है. डीजीपी के रूप में अनुराग गुप्ता द्वारा लिए जा रहे फैसले अब विधि विरुद्ध हैं, ऐसे में मुख्यमंत्री अविलंब राज्य में नए डीजीपी की नियुक्ति करें. बाबूलाल मरांडी शुक्रवार को पार्टी कार्यालय में प्रेस कांफ्रेंस में पत्रकारों से मुखातिब थे. इस दौरान उन्होंने कहा कि दो दिनों से झारखंड संवैधानिक रूप से डीजीपी विहीन राज्य है. इतना ही नहीं झारखंड में एसीबी, सीआईडी और पुलिस सभी के डीजीपी का पद रिक्त है. अनुराग गुप्ता द्वारा दिए जा रहे निर्देश व निर्णय गृह मंत्रालय के निर्देश के आलोक में पूरी तरह असंवैधानिक है.

बाबूलाल मरांडी ने कहा कि एक आईपीएस अफ़सर जिस पर भ्रष्टाचार, पक्षपात और फ्रॉड के आरोप हो, कोई भी सरकार अपने राज्य और जनता की सुरक्षा उसके हवाले कैसे कर सकती है. इस असंवैधानिक नियुक्ति के संदर्भ में गृह मंत्रालय ने झारखंड सरकार को जो पत्र लिखा है, उसके जवाब में हेमंत सोरेन गृह मंत्रालय को ही पुनर्विचार करने को बोल रहे हैं. सरकार नियमों को ताक पर रखकर संवैधानिक पदों की गरिमा समाप्त कर रही है.

डीजीपी की नियुक्ति नियमानुसार : राजेश ठाकुर

डीजीपी मुद्दे पर बाबूलाल मरांडी के बयान पर झारखंड प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने पलटवार करते हुए कहा कि बाबूलाल मरांडी को सिर्फ एक पत्र की जानकारी है जबकि राज्य सरकार ने केंद्र सरकार को इस मुद्दे को लेकर दो पत्र लिखे हैं. अपने पत्र में झारखंड सरकार ने केंद्र को बताया है कि डीजीपी की नियुक्ति झारखंड सरकार के द्वारा बनाए गए नियमों के अनुसार ही की गई है. इस नियुक्ति में किसी भी प्रकार की कोई त्रुटि नहीं है. दरअसल राजेश ठाकुर शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मुलाकात करने पहुंचे थे. मुलाकात के दौरान दोनों नेताओं के बीच कई महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हुई, जिसमें मुख्यमंत्री के विदेश दौरे पर भी बात हुई. इस दौरान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने बताया कि राज्य में निवेशक निवेश करने के लिए तैयार हैं. यह झारखंड के लिए एक बड़ा अवसर हो सकता है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार हो सकता है.

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