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झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमिटी के कार्यकारी अध्यक्ष सह पूर्व मंत्री बंधु तिर्की ने राज्य सरकार द्वारा विश्वविद्यालय सेवा आयोग के गठन एवं उर्दू शिक्षकों के नियुक्ति के निर्णय का स्वागत किया है. बंधु तिर्की ने कहा कि राज्य सरकार का यह कदम सराहनीय है. विश्वविद्यालय सेवा आयोग के गठन से असिस्टेंट प्रोफेसर एवं विश्वविद्यालय के कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया में तेजी आयेगी. विश्वविद्यालयों में भारी संख्या में असिस्टेंट प्रोफेसर एवं विश्वविद्यालय कर्मचारियों का पद रिक्त है.
रांची में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय सेवा आयोग के गठन से सभी विश्वविद्यालयों के रिक्त पदों को आसानी से भरा जा सकेगा और झारखण्ड के लोगों को नौकरी का अवसर प्राप्त होगा. बड़ी संख्या में झारखण्ड के लोगों ने नेट पास एवं पीएचडी किये हुए हैं. ऐसे में राज्य के विश्वविद्यालयों में झारखण्ड के आदिवासी एवं मूलवासियों को अवसर मिलेगा.
बंधु तिर्की ने कहा कि पिछले साल 2024 के दिसंबर महीने में उन्होंने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन को विश्वविद्यालय आयोग गठन के संबंध में पत्र प्रेषित किया था, जिसमें माननीय सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पारित नवीनतम निर्णय के आलोक में झारखण्ड विश्वविद्यालय सेवा नियमावली में संशोधन कर ऐसा प्रावधान किया जाय कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसी भी विश्वविद्यालय में कुलपति की नियुक्ति की जा सके. जिससे विश्वविद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में कठिनाईयों का सामना न करना पडे़.
झारखंड वासियों को ही कुलपति नियुक्त करने का अनुरोध
पूर्व मंत्री ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन से प्रदेश के सभी विश्वविद्यालयों में झारखंड वासियों को ही कुलपति नियुक्त करने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि जो झारखण्डवासी, वह देश के किसी भी विश्वविद्यालय में प्रोफेसर पद पर सेवा दे रहें हों वैसे व्यक्ति को ही प्रदेश के विश्वविद्यालयों में कुलपति बनने का अवसर प्राप्त होना चाहिए.
इस संदर्भ में बंधु तिर्की ने 09.06.2025 को महामहिम राज्यपाल महोदय को पत्र के माध्यम से सुझाव भी दिया था. संवाददाता सम्मेलन में अल्पसंख्यक आयोग के सदस्य डा. एम. तौसीफ एवं वरिष्ठ कांग्रेस नेता निरंजन पासवान उपस्थित थे.