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झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन 12 दिनों के विदेश दौरे के बाद बुधवार दोपहर राजधानी रांची लौट आए हैं. झारखंड में विदेशी निवेश को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अगुवाई में झारखंड सरकार का उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल 19 अप्रैल से 27 अप्रैल तक स्पेन और स्वीडन के दौरे पर था. यह दौरा झारखंड में माइनिंग, ग्रीन एनर्जी, इलेक्ट्रिक व्हीकल, एग्रो प्रोसेसिंग, महिला एवं बाल विकास जैसे क्षेत्रों में संभावित निवेश के लिहाज से अहम माना जा रहा है.
सफल पर्यटन यात्रा, असफल निवेश यात्रा: भाजपा
मुख्यमंत्री के विदेश दौरे से लौटते ही प्रदेश भाजपा ने उनके विदेश दौरे को लेकर फिर से निशाना साधा और उस पर तंज कसा है. प्रदेश भाजपा कार्यालय में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस में प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाह देव ने कहा कि मुख्यमंत्री की स्वीडन और स्पेन यात्रा व्यक्तिगत पर्यटन के लिहाज से बेहद सफल रही लेकिन निवेश के लिहाज से यह यात्रा पूर्णतः असफल साबित हुई है। प्रतुल शहदेव ने विदेश दौरे पर तंज कसते हुए कहा कि दौरे को लेकर मुख्यमंत्री जी की जो पहली तस्वीर सामने आई थी वह एक ‘ बैकपैकर’ की भूमिका में थी, जिसमें मुख्यमंत्री जी बैग टांगे दूतावास के अधिकारी से गुलदस्ता ले रहे थे. मुख्यमंत्री अपने कैमरे से दर्शनीय स्थलों के फोटोग्राफ खींचते भी दिखे.
भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि इस पूरी यात्रा में करोड़ों रुपए फूंके गए लेकिन झारखंड में निवेश का कोई लिखित समझौता की सूचना नहीं आई. मुख्यमंत्री जी के ऑफिशियल एक्स हैंडल ने जो तस्वीर जारी की उसमें निवेश की संभावनाओं और निवेशकों को आमंत्रण देने से संबंधी सूचना थी. कोई लिखित एग्रीमेंट की सूचना नहीं हुई।यानी मुख्यमंत्री जी अपने पूरी यात्रा का खर्च के बराबर का भी निवेश लेकर नहीं लौटे. प्रतुल शहदेव ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से पूरी विदेश यात्रा पर एक श्वेत पत्र जारी करने की भी मांग की, जिसमें पूरे खर्च का विवरण और निवेश के एग्रीमेंट के संबंध में जानकारी देने की बात कही.