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झारखंड भाजपा ने झारखंड कैबिनेट की गुरुवार को हुई बैठक में लिए गए निर्णयों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है. झारखंड भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने कैबिनेट के फैसले पर कहा कि राज्य सरकार द्वारा पारित अधिकांश प्रस्ताव जनता के हितों से कोसों दूर हैं और केवल राजनीतिक लाभ व दिखावे के लिए लिए गए हैं. बिना किसी स्पष्ट स्थानीय नीति के आखिर किस आधार पर शिक्षक नियुक्ति नियमावली बनाई गई है?
अजय साह ने कहा कि हेमंत सरकार साढ़े पाँच वर्षों में एक स्पष्ट स्थानीय नीति बनाने में विफल रही है, लेकिन स्थानीयता के नाम पर राजनीति चमकाने का कोई मौका नहीं छोड़ती. खतियान आधारित नियोजन नीति झारखंड मुक्ति मोर्चा के लिए सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट बनकर रह गया है. उन्होंने मांग की कि राज्य सरकार जनता के सामने यह स्पष्ट करे कि जिन शिक्षकों की नियुक्ति होनी है, वह किस नियामक ढांचे के अंतर्गत होगी?
नई शराब नीति, एक नए घोटाले की तैयारी
राज्य की नई शराब नीति पर भी सवाल खड़े करते हुए भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि यह नीति एक और नए घोटाले की जमीन तैयार कर रही है. उन्होंने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के पुराने सुझाव की याद दिलाते हुए कहा कि सरकार चाहती तो इस नीति को महिला सशक्तिकरण का माध्यम बना सकती थी.
बाबूलाल मरांडी ने सुझाव दिया था कि जिस प्रकार गैस एजेंसी और पेट्रोल पंप के लाइसेंस स्थानीय महिलाओं को दिए जाते हैं, उसी तर्ज पर शराब दुकानों का संचालन भी महिलाओं को सौंपा जा सकता था. विशेष रूप से वह महिलाएं जो देशी शराब या हड़िया बेच कर सामाजिक शोषण की शिकार होती हैं, उन्हें ट्रेनिंग देकर इस सिस्टम में जोड़ा जाना चाहिए था. लेकिन हेमंत सरकार के लिए शराब सिर्फ राजस्व उगाही और कमाई का साधन है, न कि सामाजिक सुधार का माध्यम.