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भाजपा प्रदेश अध्यक्ष एवम नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने शराब घोटाला में जेल में बंद आईएएस अधिकारी विनय चौबे को जमानत मिलने पर कड़ी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार की कार्रवाई शुरू से शक के घेरे में है. शराब घोटाले में हेमंत सोरेन जी के पूर्व सचिव के खिलाफ एसीबी ने जानबूझकर 90 दिनों के भीतर चार्जशीट दाखिल नहीं की, जिससे उनकी जमानत का रास्ता आसान हो गया.
बाबूलाल मरांडी ने कहा कि दरअसल हेमंत सरकार ने अपने ही पूर्व सचिव की गिरफ्तारी का नाटकीय षडयंत्र इसलिए रचा था, ताकि ईडी की जांच प्रभावित हो सके और सबूतों को मिटाया जा सके. ऐसे में ईडी के निदेशक को जनता के हजारों करोड़ की लूट में शामिल इन भ्रष्टाचारियों पर कठोर और विधिसम्मत कार्रवाई कार्रवाई करनी चाहिए.
एसीबी कोर्ट से मिली जमानत
इससे पहले मंगलवार को शराब घोटाला मामले में पिछले तीन महीनों से जेल में बंद निलंबित आईएएस अधिकारी विनय चौबे को एसीबी कोर्ट से बड़ी राहत देते हुए जमानत दे दी थी. एसीबी कोर्ट ने इस शर्त पर विनय चौबे को जमानत दी कि बेल अवधि में उन्हें राज्य से बाहर जाने से पहले कोर्ट को सूचना देनी होगी. साथ ही ट्रायल के दौरान वे अपना मोबाइल नंबर भी नहीं बदल सकते हैं. एसीबी कोर्ट ने 25-25 हजार के दो निजी मुचलके भरने की शर्त भी रखी.