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अगले कुछ महीनों में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सीएम नीतीश कुमार ने सफाई कर्मचारी आयोग के गठन का ऐलान किया है. सफाईकर्मियों के कल्याण के लिए सात सदस्यीय बिहार राज्य सफाई कर्मचारी आयोग बनेगा जो उनके हितों की रक्षा और समस्याओं के समाधान के लिए काम करेगा. सफाई कर्मियों के कल्याण, पुनर्वास और सामाजिक उत्थान के लिए सरकार को सुझाव देगा जिसमें एक महिला या ट्रांसजेंडर को भी शामिल किया जाएगा.
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की इस घोषणा पर राजनीति भी शुरू हो गई है. मुख्य विपक्षी दल राजद और कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले पर तंज कसा है तो बीजेपी और जदयू ने इसे ऐतिहासिक कदम बताते हुए सीएम को धन्यवाद दिया है. विपक्ष के सवालों पर जदयू-बीजेपी ने करारा जवाब दिया है.
विपक्ष का निशाना, मंच से क्यों नहीं बोलते सीएम
राजद प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा है कि सरकार एक तरफ कमजोर वर्गों के आरक्षण में हकमारी कर रही है तो दूसरी ओर आयोग बना रही है. दोहरी नीतियों के साथ सरकार बिहार में काम कर रही है. तेजस्वी यादव जो भी घोषणा करते हैं सरकार उनकी चोरी कर लेती है. यह ठीक नहीं है. कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौर ने कहा है कि आजकल नीतीश जी नहीं बोलते हैं उनका सोशल मीडिया बोलता है. सीएम अपनी बातें मंच से क्यों नहीं बोलते हैं. अब चल चलंती का समय आ गया है तो घोषणा पर घोषणा कर रहे हैं.
बीजेपी-जदयू ने सीएम का जताया आभार
सीएम के ऐलान का समर्थन करते हुए जदयू के मुख्य प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा कि समाज का ऐसा तबका जो जीवन की चुनौतियों के जूझते हुए समाज के लिए काम करता है, उनके लिए सीएम ने संवेदनशीलता दिखाई है. किसी को इससे दर्द होता है तो उनकी समस्या है. वहीं बीजेपी प्रवक्ता नीरज कुमार ने कहा है कि सफाई कर्मचारी आयोग का गठन करने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जी को बहुत-बहुत धन्यवाद. यह कदम सही मायने में लोहिया जी और बाबा साहब के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है. बिहार को एक ऐसा सीएम मिला है जो समाज के सबसे अंतिम कतार में बैठे व्यक्ति के बारे में सोचता है.