जीटी रोड लाइव खबरी
झारखंड में कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की हर एक योजना का ग्राउंड लेबल तक मॉनिटरिंग होगा. विभागीय अधिकारी स्वयं समय समय पर इसकी समीक्षा करेंगे. अगले दो माह में 600 करोड़ रुपए खर्च करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को ये दिशा निर्देश दिया. बैठक में विभाग के द्वारा संचालित योजनाओं की प्रगति रिपोर्ट के साथ खर्च की समीक्षा भी की गई.
समीक्षा बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में मंत्री शिल्पी नेहा तिर्की ने कहा कि कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग दूसरे विभाग से थोड़ा अलग है. विभागीय राशि का खर्च लाभुक तक योजनाओं के पहुंचने के बाद ही कोषागार में बिल भुगतान के लिए जाता है. राज्य में इस वक्त बीज वितरण, मुख्यमंत्री ट्रैक्टर योजना, पंप सेट का वितरण का कार्य चल रहा है. लेकिन बिल का भुगतान अभी नहीं हुआ है. इसका मतलब कतई ये नहीं है कि विभाग का खर्च शून्य है.
कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग की योजनाओं को समय सीमा के अंदर धरातल पर उतारने का निर्देश दिया गया है. राज्य में 50 प्रतिशत सब्सिडी पर बीज वितरण किया जा रहा है, जहां बीज नहीं मिलने की शिकायत आ रही है वहां लैंपस – पैक्स के द्वारा बीज के लिए पैसा भुगतान नहीं करने की बात सामने आई है. सामान्य से ज्यादा बारिश की वजह से किसानों को नुकसान हो रहा है. विभाग की नजर इन सारी चीजों पर है.
बैठक में राज्य भर में बीज वितरण, किसान समृद्धि योजना, कृषक पाठशाला, निर्माणाधीन कोल्ड स्टोरेज, बेकन फैक्ट्री के जीर्णोद्धार, मिलेट कैफिटेरिया की स्थापना, दुग्ध उत्पादकों को प्रोत्साहन राशि का 10 दिनों में भुगतान, राज्य में नये MPP/ BMC/ मिल्क बूथ की स्थापना पर फोकस, विभाग में योजनाओं से संबंधित लंबित बिल का भुगतान जैसे मुद्दे पर चर्चा के साथ निर्देशित भी किया गया. समीक्षा बैठक में विभागीय सचिव अबू बक्कर सिद्दीखी, विशेष सचिव गोपाल जी तिवारी, विशेष सचिव प्रदीप हजारी के साथ साथ सभी निदेशक और विभागीय अधिकारी मौजूद रहे .