जीटी रोड लाइव डेस्क
वक़्फ़ संशोधन क़ानून के बाद जहां मज़ार, दरगाह, कब्रिस्तान और मस्जिदों और सम्बंधित ज़मीनों पर संकट की आशंका व्यक्त की जा रही है, वहीं अब हिन्दू धार्मिक स्थल भी निशाने पर आने जा रहे हैं। यदि वक़्फ़ बोर्ड के पास कुल 9.4 लाख एकड़ जमीन बताई जाती है, तो ईसाई मिशनरी के पास 2 से 3 लाख एकड़ जमीन होने की खबर है। लेकिन इन सबसे अधिक अधिक ज़मीन देश के मठ और मंदिरों के पास है। दक्षिण भारत के महज़ चार प्रमुख राज्यों की बात की जाए तो मठ-मंदिर के पास 10 लाख एकड़ से भी अधिक भूमि है। यह कैग की रिपोर्ट का आंकडा है. तमिलनाडु में लगभग 44 हजार हिंदू मंदिर हैं, और इनके हिस्से लगभग 5 लाख एकड़ भूमि है। जबकि आंध्र प्रदेश के मठ-मंदिरों के पास 4.6 लाख एकड़ जमीन और तेलंगाना में 87 हजार एकड़ भूमि है। इसके अलावा ओडिशा के मठ-मंदिरों के पास लगभग 13 हजार एकड़ जमीनें हैं। पिछले दिनों वक़्फ़ पर हो रही बहस में हिस्सा लेते हुए राज्यसभा में सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और राजनेता कपिल सिब्बल ने भी दक्षिण भारत के मठ-मंदिरों की भूमि का ज़िक्र किया था.
बिहार में संकट के बादल तो मंडराने लगे
दक्षिण राज्यों में क्या होगा पता नहीं, लेकिन बिहार में संकट के बादल तो मंडराने लगे हैं। बिहार में छोटे-बड़े 5777 मठ-मंदिर हैं, जिनके पास कुल 28,672 एकड़ जमीन है। इनमें से 2499 पंजीकृत मठ-मंदिरों के पास 18,456 एकड़ भूमि है, तो 2512 गैर-पंजीकृत मठ-मंदिरों के पास 4321 एकड़ जमीन है। सरकारी आंकड़ा साढ़े 29 हजार एकड़ जमीन बताता है। चकित करने वाली खबर ये है कि भाजपा समर्थित JDU की अगुवाई वाली सरकार मठ-मंदिर की इन ज़मीनों को लोक भूमि (राष्ट्रीय संपत्ति) घोषित करने जा रही है। दरअसल मंगलवार को पटना में हुई एक बैठक में बातें उजागर हुईं। विधि विभाग और राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के साथ बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद की संयुक्त बैठक थी। मौके पर विभागीय मंत्री रामसूरत राय ने कहा कि मठ-मंदिर की जमीन की बिक्री पर रोक रहेगी। अवैध तरीके से खरीदी गई जमीन की जमाबंदी रद्द की जाएगी। कब्जाधारियों से मठ-मंदिर की जमीन को मुक्त कराया जाएगा। हज भवन की तरह बिहार राज्य धार्मिक न्यास पर्षद का भवन भी बिहार सरकार बनाएगी।
मठ-मंदिरों का पंजीकरण करना अनिवार्य
बिहार सरकार ने मंदिरों, मठों और धार्मिक ट्रस्टों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है। बिहार हिंदू धार्मिक ट्रस्ट अधिनियम, 1950 के अनुसार, राज्य के सभी सार्वजनिक मंदिरों, मठों, ट्रस्टों और धर्मशालाओं को बिहार राज्य धार्मिक न्यास परिषद में पंजीकृत कराना आवश्यक है। बता दें कि राज्य में कुल 4371 मठ-मंदिर ही पंजीकृत हैं, जिनके पास करीब 29,000 एकड़ जमीन है। जब सभी का पंजीकरण हो जाएगा तो सही आंकडा सामने आएगा।
बिहार में कहाँ है सबसे अधिक भूमि
पूर्वी चंपारण जिला : 137 मठ-मंदिरों के पास 5874 एकड़ जमीन (राज्य में सबसे अधिक)।
मधुबनी: 163 मठ-मंदिरों के पास 2385 एकड़ जमीन (राज्य में सबसे अधिक पंजीकृत मठ-मंदिर)।
सीतामढ़ी: 122 मठ-मंदिरों के पास 2025 एकड़ जमीन।
कैमूर: 329 मठ-मंदिरों के पास 1469 एकड़ जमीन।
दरभंगा: 570 मठ-मंदिरों के पास 1359 एकड़ जमीन, लेकिन यहां कोई भी मठ-मंदिर पंजीकृत नहीं है।
लखीसराय: 934 एकड़ ज़मीन
सहरसा: 866 एकड़ ज़मीन
वैशाली: 820 एकड़ ज़मीन
पश्चिमी चंपारण: 822 एकड़ ज़मीन
मधेपुरा: 975 एकड़ भूमि ज़मीन