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केंद्र सरकार ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की सात टीमों को अलग-अलग देशों में भेजने की घोषणा की है. इस लिस्ट में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद यूसुफ़ पठान का भी नाम है, हालांकि टीएमसी ने इस लिस्ट पर आपत्ति जताई है. टीएमसी की ओर से कहा गया है कि उन्हें प्रतिनिधिमंडल को भेजे जाने से कोई दिक्कत नहीं है, लेकिन किस पार्टी से कौन जाएगा ये फ़ैसला अकेले केंद्र सरकार या बीजेपी नहीं कर सकती है.
सोमवार को टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव और सांसद अभिषेक बनर्जी से पूछा गया था कि क्या उनकी पार्टी ने इस मिशन से बाहर निकलने का विकल्प चुना है. इस पर अभिषेक बनर्जी ने कहा, “मुझे नहीं पता कि आपको यह जानकारी कहां से मिल रही है.” उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय हित की रक्षा के लिए केंद्र सरकार जो भी निर्णय लेगी, टीएमसी केंद्र के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी.
अभिषेक बनर्जी ने कहा, “पाकिस्तान की तरफ से आतंकवाद को बढ़ावा देकर भारत की शांति को भंग करने की जो कोशिश हो रही है, उसकी हम निंदा करते हैं. इस बात को वैश्विक मंच पर रखना भी चाहिए, लेकिन हमारी पार्टी से कौन जाएगा, ये फ़ैसला पार्टी का है.” उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार एकतरफा फैसला नहीं कर सकती कि किस पार्टी से कौन जाएगा.”
क्या कहा था कांग्रेस ने
टीएमसी के पहले कांग्रेस ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की विस्तृत सूची जारी होने पर कहा था, ” 17 मई की देर रात जब सभी प्रतिनिधिमंडलों की पूरी सूची आधिकारिक रूप से जारी की गई, तो कांग्रेस की ओर से सुझाए गए 4 में से केवल 1 नाम को ही शामिल किया गया. यह मोदी सरकार की गंभीरता की कमी और राष्ट्रीय मुद्दों पर उनकी घटिया राजनीतिक रणनीति को दिखाता है. हालांकि, मोदी सरकार की ओर से चुने गए कांग्रेस के जो 4 प्रतिष्ठित सांसद/नेता प्रतिनिधिमंडलों में शामिल किए गए हैं, वे ज़रूर जाएंगे और अपना योगदान देंगे.”
संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू की ओर से जारी की गई लिस्ट के मुताबिक़, इसमें बीजेपी, कांग्रेस समेत कई पार्टियों के नेता शामिल हैं. इससे पहले कांग्रेस की ओर से सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के लिए जिन लोगों का नाम दिया गया उनमें शशि थरूर का नाम नहीं था. कांग्रेस नेता जयराम रमेश के मुताबिक़, शुक्रवार को दोपहर तक चार नाम दिए गए. जिनमें आनंद शर्मा, गौरव गोगोई, डॉ. सैयद नासिर हुसैन और राजा बरार के नाम थे.