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कर्नाटक में वोटर लिस्ट में हुई अनियमितता को लेकर चुनाव आयोग पर आरोप लगाने के कांग्रेस नेतृत्व के फैसले पर सवाल उठाने वाले सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना ने मंत्रिमंडल से इस्तीफ़ा दे दिया है. उन्होंने अपनी ही पार्टी पर आरोप लगाते हुए पिछले दिनों तुमकुरु में पत्रकारों से कहा, “मतदाता सूची तब बनाई गई थी जब कर्नाटक में पार्टी सत्ता में थी. तब उन्होंने इस पर आँखें क्यों मूंद लीं?”
वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, “पत्रकारों को दिए गये बयान और उसके वायरल होने के बाद उन्हें इस्तीफा देने के लिए कहा गया और यह निर्देश भी पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व की तरफ से आया था.” राजन्ना का यह विवादास्पद बयान ऐसे समय में आया है जब कांग्रेस ने ‘वोट चोरी’ का आरोप लगाया है और पूरा विपक्ष संसद में केंद्र सरकार को घेरने के लिए उतर पड़ा है.
मंत्री का विवादास्पद बयान
राजन्ना ने तुमकुरु में पत्रकारों से कहा था, “हमें शर्म आनी चाहिए कि हम बिना जांचे-परखे अब यह कह रहे हैं. मतदाता सूची कब बनी थी? यह तब बनी थी जब हमारी अपनी सरकार थी, है ना? क्या तब उन्होंने आंखें मूंद ली थीं? यह सच है कि ये अनियमितताएं हुईं. इसमें कोई झूठ नहीं है. हमें शर्म आनी चाहिए कि ये अनियमितताएं हुईं. हमने इसकी जाँच नहीं की.” उन्होंने यह भी कहा कि “हमें इन घटनाओं से सबक लेना चाहिए और सावधानी से कदम उठाना चाहिए. उन्होंने वह किया जो उन्हें नहीं करना चाहिए था और मतदाता सूची में बदलाव करके प्रधानमंत्री बन गए. यह सौ प्रतिशत सच है.”