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बोरियो विधानसभा सीट से अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ चुके सूर्या हांसदा की पुलिस मुठभेड़ में मौत हो गई है. गोड्डा के एसपी मुकेश कुमार ने इसकी पुष्टि की है. एसपी के मुताबिक सूर्या हांसदा को देवघर के नावाडीह थाना क्षेत्र से गिरफ्तार करने के बाद पुलिस की विशेष टीम उसे लेकर देवघर से गोड्डा आ रही थी, तो इसी दौरान रात में जब पुलिस सूर्या को अपने साथ जांच के लिए जिरली समारी पहाड़ी पर ले गई, जहां पुलिस टीम पर हमला कर दिया गया. इस दौरान जवाबी कार्रवाई में सूर्या हांसदा मारा गया.
रविवार को सूर्या हांसदा की पत्नी सुशीला ने सूर्या हांसदा की गिरफ्तारी की जानकारी दी थी. सुशीला ने सूर्या के साथ किसी अनहोनी की भी आशंका जताई थी. सूर्या हांसदा पर दर्जनों आपराधिक मामले दर्ज हैं.
हाल ही में ईसीएल की राजमहल परियोजना के पहाड़पुर क्षेत्र में हुई गोलीबारी की घटना में भी सूर्या की संलिप्तता सामने आई थी. इसके अलावा साहिबगंज के क्रशर मिल में ट्रक और ट्रक जलाने के मामले में भी सूर्या शामिल था.
सूर्या हांसदा पर साहेबगंज जिले के बोहरयो, मंडरो, बरहेट और गोड्डा जिले के ललमटिया, बोआरीजोर और ठाकुरगंगटी थाना क्षेत्र में कई मामले दर्ज हैं. सूर्या हांसदा के खिलाफ अडानी पॉवर प्लांट में काम कर रहे कई वाहनों में आग लगाने के मामले भी दर्ज हैं. पुलिस को सूर्या हांसदा की तलाश थी.
कौन है सूर्या हांसदा
सोमवार को पुलिस मुठभेड़ में मारा गया सूर्या हांसदा ललमटिया थाना क्षेत्र के डकैता गांव का निवासी था और 2024 के बीते विधानसभा चुनाव के ठीक पहले तक लंबे समय से भाजपा में सक्रिय था.
सूर्या हांसदा बीजेपी के टिकट पर बोरियो विधानसभा सीट से विधानसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में थे. लेकिन अचानक लोबिन हेंब्रम को बोरियो से टिकट देने के बाद उन्होंने भाजपा को छोड़ जयराम महतो की पार्टी जेएलकेएम का दामन थाम लिया था और चुनाव भी लड़ा था. हालांकि, चुनाव में उनकी बुरी हार हुई थी. इससे पहले 2014 के विधानसभा चुनाव में वह बाबूलाल मरांडी की पार्टी झाविमो से चुनाव लड़ चुका है.