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स्वास्थ्य ही मानव के जीवन का आधार है. सेहत हर मानव का हक है. किसी भी व्यक्ति की आर्थिक परिस्थिति कैसे भी क्यों न हो, स्वास्थ्य सेवाएं मिलना उसका अधिकार है. वहीँ झारखण्ड के स्वास्थ्य विभाग की बात करें तो इसके क्या कहने. भले ही स्वास्थ्य मंत्री डॉ. इरफान अंसारी बेहतर करने का दावा करते हो,लेकिन जमीनी तौर पर स्थिति कुछ और ही नजर आती है. बता दूँ कि स्वास्थ मंत्री अचानक धनबाद जिला सदर अस्पताल पहुंचे. बिना किसी को बताये पहुंचे. फिर क्या था अच्छा इलाज देने के वादों की सारी कलई खुल गई. मंत्री महोदय ने अपनी ही आखों से देखा सदर कहे जाने वाले अस्पताल की बदतर तस्वीर.
महिला मरीज टॉयलेट के सामने इलाज करने को मजबूर
मंत्री के औचक निरीक्षण से अस्पताल में खलबली मच गई. जब इरफ़ान गायनी विभाग पहुंचे तो रजिस्टर देख कर हैरान रह गए. डॉक्टर ही नदारद मिले. अब जिनकी ड्यूटी लगी हो वाही डॉ लापता हो तो मरीज का इलाज क्या होगा.वहीँ एक महिला मरीज टॉयलेट के सामने इलाज करने को मजबूर थी. उसे वहीँ बेड दे दिया गया था. फिर क्या था मंत्री जी ने जमकर मैनेजमेंट को फटकार लगाई.
स्वास्थ्य मंत्री को निरीक्षण में मिली बहुत सारी खामियां
अस्पताल में कार्यरत 26 डॉक्टर में से 3 डॉक्टर ही ड्यूटी पर नजर आये.स्वास्थ्य मंत्री ने सिविल सर्जन को सभी डॉक्टरों की सूची देने का निर्देश दिया. उन्होंने नदारत डॉक्टरों पर खुद के अस्पताल चलाने का आरोप लगाया. साथ ही साथ अस्पताल की स्थिति खराब करने का आरोप भी लगाया. मंत्री ने सिविल सर्जन को फटकार लगाईं और लचर स्थिति में जल्द सुधार लाने को कहा. मंत्री ने कहा मैंने जाँच करते समय बहुत सी खामियां पाई. मैं खुद मानता हूँ कि स्वास्थ्य मंत्री होने के बावजूद यहाँ की स्वास्थ्य सुविधा बहुत ही खराब है. यहाँ पर सफाई व्यवस्था अच्छी नहीं है. पीने के पानी की समस्या भी वहां देखने को मिली.
कार्यशैली को सुधारने का सिविल सर्जन को दिया निर्देश
वहीं स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सदर अस्पताल की स्वास्थ्य सुविधा बहुत खराब है, निरीक्षण में खामियां मिली है. वह खुद स्वास्थ्य मंत्री हैं लेकिन उन्होंने स्वीकार किया है कि सदर अस्पताल में व्यवस्था अच्छी नहीं है. स्वास्थ्य मंत्री ने समय रहते अस्पताल की डॉक्टरों और वहां कार्यशैली को सुधारने का सिविल सर्जन को निर्देश दिया. जिन डॉक्टरों की ड्यूटी थी और वो वहां मौजूद नहीं थे, निजी अस्पताल चला रहे हैं, उनका ट्रान्सफर होना निश्चित है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा में किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.