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Waqf Amendment Bill 2025Waqf Bill ने झारखंड में भी मचाया बवाल है. कई नेता ने त्यागा AJSU, तो JMM ने Modi सरकार पर निशाना साधा है। झारखंड विधानसभा चुनाव के बाद झारखंडी सवालों की बजाय आजसू पार्टी की गलबहियां संघ-भाजपा के साथ बढ़ने से रुष्ट युवा नेता एस अली ने आजसू पार्टी के केन्द्रीय संगठन सचिव के पद से इस्तीफा दे दिया था। इधर, वक्फ संशोधन बिल का जब आजसू ने उच्च सदन में समर्थन किया। उसके एकमात्र सांसद चंद्र प्रकाश चौधरी ने मुखर समर्थन किया तो यह नाराज़गी और बढ़ी। दरअसल इस बिल को विपक्ष और अल्पसंख्यक वर्ग संविधान और मुस्लिम विरोधी बता रहा है। इसको लेकर NDA खेमे की कथित सामाजिक न्याय और सेकुलर पार्टियों के प्रति मुखालिफत बढ़ती जा रही है। बिहार में इसका खामियाजा सबसे अधिक नीतीश कुमार और उनके JDU को भुगतना पड़ रहा है, तो झारखंड में सुदेश महतो और उनकी आजसू पार्टी ज़द में है।
जानिये किस-किस ने आजसू का दामन छोड़ा
वक्फ बिल पास होने पर रांची के पूर्व डिप्टी मेयर प्रत्याशी सह आजसू नेता अशरफ खान चुन्नू ने सभी पदों से इस्तीफा दिया। उसके बाद रांची महानगर उपाध्यक्ष पद एवं प्राथमिक सदस्यता से मोहम्मद जुबेर आलम ने इस्तीफा दिया। इस्तीफा में लिखा है कि वक्फ बिल को लेकर पार्टी के स्टैंड से वे मर्माहत हुए हैं। वक्फ बिल भारतीय मुसलामानों के विरुद्ध है। यह बिल संविधान के कई मौलिक अधिकारों का हनन करता है। अब सबकी निगाहें आजसू के केन्द्रीय महासचिव ख़ालिद ख़लील पर टिकी थी। उन्होंने पार्टी छोड़ने की घोषणा अपने सोशल मीडिया अकाउंट के माध्यम से की। क पोस्ट में बाय-बाय आजसू और दूसरे में लिखा:
उसूलों पर जहां आंच आए टकराना ज़रूरी है,
जो ज़िंदा हो तो फिर ज़िंदा नज़र आना जरूरी है।