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झारखण्ड सरकार की समन्वय समिति के सदस्य एवं झारखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष बंधु तिर्की ने कहा है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को पता नहीं झारखण्ड में वैसा कौन-सा विदेशी धर्म नजर आ रहा है जो पेसा नियमावली तैयार करने के मार्ग में बाधक बना है. उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं विशेषकर रघुवर दास की दोषारोपण करने की आदत ही हो गई है और आज इसी के तहत किसी तथाकथित विदेशी धर्म का नाम ले रहे हैं लेकिन ऐसी अतार्किक और हल्की बातें अच्छी नहीं लगती.
बंधु तिर्की ने कहा कि रघुवर दास झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री होने के साथ-साथ उड़ीसा के राज्यपाल जैसे सम्मानित पद पर भी रह चुके हैं और उन्हें शासन-प्रशासन की प्रक्रिया के साथ ही विधि निर्माण एवं नियमावली तैयार करने की प्रक्रिया की जानकारी बेहतर तरीके से पता है. ऐसे में उन्हें यह पता होना चाहिए कि कभी-कभी जन आकांक्षाओं से गहराई से जुड़े जिस विधि या नियमावली तैयार करने का ज़्यादा दबाव होता है उसमें कुछ समय लगता ही है.
पूर्व मंत्री ने कहा कि झारखण्ड सरकार विशेष कर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पेसा नियमावली को लागू करने के मामले में बेहद संवेदनशील एवं गंभीर हैं. हेमंत सोरेन के नेतृत्व में काम कर रही इंडिया गठबंधन की सरकार आम जनमानस के बीच अच्छी सहमति बनाकर ही किसी कानून को बनाने या नियमावली तैयार कर उसे जमीनी स्तर पर लागू करने का प्रयास करती है ना कि भारतीय जनता पार्टी की तरह मनमाने तरीके से किसी कानून या नियमावली को तैयार कर उसे लागू कर देती है भले ही उससे आम जनमानस का अहित हो.
बंधु तिर्की ने कहा कि जल, जंगल, जमीन की रक्षा करते हुए हमारी सरकार सही-सटीक दिशा में काम कर रही है और रघुवर दास को यह भूल जाना चाहिए कि हेमंत सरकार किसी के दबाव में काम करती है बल्कि सरकार के ऊपर केवल जनाकांक्षाओं का ही दबाव है ना कि किसी और का.तुष्टीकरण या प्रेशर पॉलिटिक्स, भाजपा और उसके साथी दलों की पहचान है ना कि इंडिया गठबंधन की.
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि यदि रघुवर दास एवं अन्य भाजपा नेताओं को जनाकांक्षाओं की थोड़ी-सी भी परवाह हो और वे आदिवासी अस्मिता अस्तित्व, पहचान और हमारे पुरातन एवं संपन्न धर्म-संस्कृति के प्रति थोड़े से भी संवेदनशील हैं तो उन्हें सरना धर्म कोड को लागू करने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केन्द्र सरकार के ऊपर दबाव डालना चाहिए.
बंधु तिर्की ने याद दिलाया कि रघुवर दास के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार ने किस प्रकार से झारखण्ड के सीएनटी एवं एसपीटी एक्ट के साथ छेड़छाड़ करने के अलावा यहाँ की जमीन को उद्योगपतियों के हिस्से में डालने के लिए कितनी साजिशें रची थी पर वह असफल रहे.आज हेमंत सोरेन के नेतृत्व में झारखण्ड सरकार बिल्कुल सही-सटीक दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है. आदिवासियों से संबंधित मामले पर सरकार किसी भी हाल में समझौता नहीं करने वाली है.