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बोकारो में मॉब लिंचिंग का एक मामला सामने आया है जहां 27 वर्षीय अब्दुल कलाम नाम के युवक की भीड़ द्वारा पीट- पीट कर हत्या कर दी गई. भीड़ ने छेड़छाड़ का आरोप लगाकर युवक को पहले पकड़ा, फिर उसका हाथ पैर बांध कर बेरहमी से उसकी पिटाई की, मौके पर पहुंची पुलिस ने गंभीर हालत में उसे अस्पताल में भर्ती कराया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया. मामला नावाडीह थाना क्षेत्र के नारायणपुर का है और घटना गुरुवार को सुबह 11 बजे की है. एसोसिएशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ सिविल राइट्स यानी APCR झारखंड की टीम ने शनिवार को इस घटना से संबंधित फैक्ट फाइंडिंग टीम की रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए प्रेस रिलीज जारी किया.
प्रशासन पर लीपापोती करने का आरोप
जारी प्रेस रिलीज के मुताबिक एपीसीआर की टीम ने मृतक के घर जाकर उनके घर वालों से मुलाकात की. इस मुलाकात से संबंधित बातचीत को बताते हुए एपीसीआर झारखंड के सचिव अधिवक्ता जियाउल्लाह ने प्रशासन पर इस मामले में लीपा पोती करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि FIR की कॉपी शुरू में आवेदक मोहम्मद कलीम को नहीं दी गई थी. एपीसीआर की टीम की पहल पर जब थाना से मामले में दर्ज प्राथमिकी की कॉपी मांगी गई तो पहले थाना ने टाममटोल करने की कोशिश की. बाद में जब थाना से FIR की कॉपी मिली तो दर्ज FIR में मॉब लिंचिंग की धारा ही नहीं लगाया गया है, जो बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और साजिशन प्रतीत होता है.
घटना को लेकर एपीसीआर की मांग
इस घटना को लेकर एपीसीआर झारखंड की टीम ने बोकारो जिला प्रशासन से कई मांग की है. इसमें प्रमुख रूप से कहा गया है कि प्रशासन निष्पक्ष होकर मॉब लिंचिंग BNS की धारा 103(2) के तहत FIR दर्ज कर दोषियों पर सख्त से सख्त कड़ी कानूनी कार्रवाई करे. इसके अलावा मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और गठबंधन की सरकार से संगठन मांग करती है कि गठबंधन सरकार के मेनिफेस्टो में शामिल होने के बावजूद भी अब तक मॉब लिंचिंग का कानून नहीं बन पाया है, जो अत्यंत दुखद है. झारखंड की सरकार सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन गाइडलाइन का पालन करते हुए और रुपेश पांडे मॉब लिंचिंग की तर्ज पर पीड़ित परिवार को 25 लाख का मुआवजा और मृतक के परिजन को सरकारी नौकरी दी जाए.
इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो, जिसमें युवक को भीड़ ने घेरा हुआ है, उसके हाथ बंधे हुए हैं और उस से सवाल किया जा रहा है. वीडियो में युवक घायल दिख रहा और पानी मांग रहा लेकिन उसे पानी नहीं दिया गया और मारने की धमकी दी जा रही है. इस मामले में 2 आरोपियों, बहाराम मांझी और रूपम मांझी को गिरफ्तार किया है.
मुफ्त में कानूनी मदद की पेशकश
एपीसीआर की ओर से पीड़ित परिवार को आश्वासन दिया की दुख की घड़ी में एपीसीआर परिवार वालों के साथ खड़ी है और इसकी कानूनी लड़ाई में एपीसीआर मुफ्त मे कानूनी मदद करेगी. APCR फैक्ट फाइंडिंग टीम में अधिवक्ता रजाउल्लाह अंसारी वाइस प्रेसिडेंट एपीसीआर झारखंड, एडवोकेट जियाउल्लाह सचिव एपीसीआर झारखंड और जलालुद्दीन शामिल थे.