रांची. देश में सरकारी नौकरियों का अकाल है, ऐसे में बमुश्किल जब सरकारी नौकरियों के लिए नियुक्ति प्रक्रिया आरम्भ होती है, तो प्रतियोगी परीक्षाओं के पेपर चोरी अब आम बात होती जा रही है. इधर के वर्षों में मात्र उत्तर प्रदेश में कई दर्जन ऐसी शिकायतें उजागर हुई. वहीँ झारखण्ड भी इसका शिकार होने से खुद को बचा नहीं सका है. यहाँ जीपीएससी हो या जेएसएससी लगातार आरोप के घेरे में है. अभी जेएसएससी में कदाचार मामले की जाँच चल ही रही है कि अब मासूमों के भविष्य के साथ खिलवाड़ की भी ख़बरें आने लगी हैं.
झारखण्ड में दसवीं यानी मैट्रिक के इम्तहान चल रहे हैं. झारखण्ड अकादमिक काउंसिल इसका आयोजन करता है. मैट्रिक के हिंदी और विज्ञान विषय की परीक्षा का प्रश्न पत्र सोशल मीडिया में वायरल हो गया था. हिंदी का पेपर 18 फरवरी को हुआ था जबकि 20 फरवरी को विज्ञान विषय की परीक्षा ली गयी थी. जब प्रश्न पत्र के परीक्षा से पहले ही चोरी होने की शिकायत मिली तो बाद में इम्तहान रद्द कर दिया गया.इन दोनों विषयों की परीक्षा बाद में फिर से आयोजित की जाएगी. जिसकी तिथि की घोषणा जल्द की
मैट्रिक परीक्षा पेपर लीक की जाँच
सरकार मामले को लेकर गंभीर है. अभी तक दो लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है. इन्हें कोडरमा से पकड़ा गया है. वहीँ कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. एसआईटी का गठन किया जा रहा है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा तैयार प्रस्ताव को शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने अपनी सहमति दे दी है. इसके बाद विभाग ने एसआइटी के गठन का प्रस्ताव गृह विभाग को भेज दिया है. इस संबंध में सोमवार तक अधिसूचना जारी हो जायेगी.
सियासत भी हो गयी है अब शुरू
इधर, मैट्रिक परीक्षा के पेपर लीक मामले में सियासत भी शुरू हो गयी है. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर एक पोस्ट किया है. इसमें उन्होंने लिखा है, ‘मैट्रिक परीक्षा पेपर लीक के बाद पुलिस अंधेरे में तीर चला रही है. सरकार या पुलिस प्रशासन अब तक तय नहीं कर पाया है कि मैट्रिक पेपर लीक मामले की जांच सीआइडी करेगी या एसआइटी से इसकी जांच करायी जायेगी?