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भाजपा के राज्यसभा सांसद सह झारखंड प्रदेश महामंत्री डॉ. प्रदीप वर्मा ने देश में जाति जनगणना कराने के फैसले पर सस्ती लोकप्रियता के लिए श्रेय लेने की होड़ में शामिल कांग्रेस झामुमो पर तीखा प्रहार करार किया है. उन्होंने कहा कि आजाद भारत में पहली बार आम जनगणना के साथ जाति जनगणना कराने का निर्णय केंद्र की मोदी सरकार ने लिया है. यह निर्णय ऐतिहासिक है और 2047 के विकसित भारत बनाने के लक्ष्य को बनाने की दिशा में सहायक सिद्ध होगा. यह निर्णय अचानक नहीं लिया गया बल्कि बीते 11 सालों से मोदी सरकार के सभी वर्गों को साथ लेकर चलने की नीति का परिणाम है.
डॉ. प्रदीप वर्मा ने कहा कि कांग्रेस सरकारों ने काका कालेकर कमिटी की पिछड़ों से संबंधित रिपोर्ट को वर्षों तक दबाए रखा. 1977 की जनता पार्टी सरकार ने मंडल कमीशन का गठन किया और भाजपा समर्थित वीपी सिंह की सरकार ने उसे लागू किया. वर्षों तक कांग्रेस की सरकारों ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक मान्यता प्रदान नहीं किया. देश जानता है कि पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा मोदी सरकार में ही मिला.
झारखंड में निकाय चुनाव लंबित
भाजपा महामंत्री ने कहा कि झारखंड की हेमंत सरकार जो पिछले 6 वर्षों से कांग्रेस के समर्थन से चल रही है, उसने पंचायत चुनाव में पिछड़ों को आरक्षण से वंचित रखा और आज तक ट्रिपल टेस्ट को पूरा नहीं करा सकी है, जिसके कारण राज्य में निकाय चुनाव पिछले तीन वर्षों से लंबित हैं. उन्होंने कहा कि आज कांग्रेस पार्टी श्रेय लेने की होड़ कर रही है लेकिन ये वही कांग्रेस पार्टी है जिसके नेतृत्व वाली यूपीए सरकार ने जाति जनगणना के लिए एक मंत्री समूह का गठन किया था लेकिन 2011 में कांग्रेस पार्टी खुद पीछे हट गई. सामाजिक न्याय और संविधान की बात करने वाली कांग्रेस ने बाबा साहब अम्बेडकर को भारत रत्न से वंचित रखा. उनके तैल चित्र संसद के केंद्रीय हॉल में नहीं लगवाए, दिल्ली में बाबा साहब को दो गज जमीन उपलब्ध नहीं कराए. यही इनका सामाजिक न्याय की सच्चाई है. कांग्रेस का चरित्र अवसरवादी और वोटबैंक की राजनीति करने वाला रहा है.