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झारखंड हाईकोर्ट ने रिम्स के निवर्तमान निदेशक डॉ. राजकुमार को हटाये जाने के स्वास्थ्य विभाग के फैसले पर सोमवार को रोक लगा दी साथ ही इस मामले में राज्य सरकार और स्वास्थ्य विभाग से शपथ पत्र दायर कर जबाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 6 मई को होगी. हाईकोर्ट के जस्टिस दीपक रौशन की कोर्ट ने इस मामले में सुनवाई की.
भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी की प्रतिक्रिया
रिम्स निदेशक को हटाने के मामले में झारखंड हाईकोर्ट की सोमवार को आई स्टे ऑर्डर के बाद प्रदेश भाजपा अध्यक्ष सह नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी की प्रतिक्रिया सामने आई है. अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर बाबूलाल मरांडी ने लिखा, ‘ शासी परिषद की बैठक में स्वास्थ्य मंत्री और विभागीय अधिकारियों के दबाव में करोड़ों रुपये के अवैध भुगतान से इनकार करने पर रिम्स निदेशक डॉ. राजकुमार को हटाने के हेमंत सरकार के फैसले पर माननीय उच्च न्यायालय ने रोक लगाकर हेमंत सरकार के मुँह पर करारा तमाचा मारा है. ”
बाबूलाल मरांडी ने आगे लिखा, ” माननीय उच्च न्यायालय के इस फैसले से हेमंत सरकार द्वारा रिम्स जैसे प्रतिष्ठित स्वास्थ्य संस्था को अपने लूट का चारागाह बनाने की साजिश भी बेनकाब हुई है. राज्य के सभी ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ अधिकारियों से मेरा निवेदन है कि आकंठ भ्रष्टाचार में डूबी सरकार के पापों में सहभागी बनने से बेहतर है डाॅ. राजकुमार की तरह लड़ाई लड़ें और झारखंड को लुटने से बचाएं.”
मुख्यमंत्री से भी बाबूलाल मरांडी की अपील
बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की अपील की है. अपने पोस्ट में उन्होंने लिखा, ” मुख्यमंत्री जी मैं एक बार फिर अनुरोध करता हूँ कि अनुचित भुगतान करने का दबाव नहीं मानने के चलते रिम्स निदेशक को हटाने के इस मामले की जॉंच सीबीआई से कराने का आदेश दें और घोटाले के लिये अधिकारियों पर ग़लत काम कराने का दबाव डालने वाले ऐसे मंत्री को कान पकड़ कर मंत्रिमंडल से बाहर करें अन्यथा ऐसे घोटाले आगे फिर से आपके गले का फॉंस बनेंगे.”