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जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी के छात्रसंघ चुनावों में एक बार फिर से वामपंथी दलों के छात्रसंघों ने एकतरफा जीत हासिल की है. अध्यक्ष पद पर आईसा-डीएसएफ़ गठबंधन के उम्मीदवार नीतीश कुमार को कांटे की टक्कर में जीत मिली है तो वहीं चुनाव में प्रमुख प्रतिद्वंदी एबीवीपी को केवल एक सीट संयुक्त सचिव के पद पर जीत मिली है. जबकि पिछले साल के चुनाव में चारों सीटों पर वामपंथी छात्र संगठनों को जीत मिली थी.
अध्यक्ष के अलावा उपाध्यक्ष और महासचिव का पद भी वामपंथी छात्र संगठनों के खाते में आई है. जेएनयूएसयू में इस बार क़रीब 70 फ़ीसदी वोटिंग हुई, जो पिछले साल के मुक़ाबले थोड़ा कम था. 7,906 वोटरों में से 5,500 वोटरों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. जेएनयू छात्रसंघ चुनाव के लिए 25 अप्रैल को वोटिंग हुई थी.
बिखरा नजर आया वाम दलों के छात्र संगठनों का पुराना गठबंधन
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में इस बार के चुनावों में वाम दलों के छात्र संगठनों का पुराना गठबंधन काफ़ी हद तक बिखरा हुआ नज़र आया. आठ साल तक एक साथ रहे आईसा, एसएफ़आई और बाक़ी दल इस बार अलग-अलग चुनाव में उतरे. जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष एन साई बालाजी के मुताबिक, ” साल 2016 में आईसा और एसएफ़आई एक साथ थे. साल 2017 में इस गठबंधन में डीएसएफ़ भी जुड़ गया और इसके अगले साल इसमें एआईएसएफ़ भी शामिल हो गया. लेकिन इस बार चुनाव से पहले एसएफ़आई और आईसा अलग हो गए.”
जीत के बाद नवनियुक्त अध्यक्ष नीतिश कुमार बोले
कांटे की टक्कर में एबीवीपी उम्मीदवार शिखा स्वराज को हराने वाले नीतीश कुमार ने जीत के बाद कहा, “हमें पहले उम्मीद थी कि हम चारों पदों पर जीत हासिल करेंगे. कैंपस एक भरोसे के साथ लगातार हमलोगों को चुन रहा है. गठबंधन में एक परेशानी हुई, लेकिन उसके बावजूद भी पहले दिन से हम परिषद (एबीवीपी) के सामने मज़बूती से खड़े रहे. कैंपस में पिछले दस साल से लगातार परिषद हार रहा है और हम अपनी पुरानी विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं. जेएनयू पर जिस तरह से चारों तरफ हमला हो रहा है और परिषद ने बीजेपी का फुट सोल्जर बनकर कैंपस को बंद करवाने की कोशिश की है, यह चुनाव उसी पर एक तमाचा है.”
अध्यक्ष पद के अलावा अन्य पदों का चुनाव परिणाम
जेएनयू छात्रसंघ के उपाध्यक्ष पद की बात करें तो इस पद पर आईसा-डीएसएफ़ गठबंधन की मनीषा को जीत हासिल हुई है. जबकि एबीवीपी की नीतू गौतम दूसरे नंबर पर रही हैं. वहीं महासचिव के पद पर आईसा-डीएसएफ़ उम्मीदवार मुंतेहा फ़ातिमा ने कब्जा किया है, जबकि एबीवीपी के कुणाल राय दूसरे नंबर पर रहे हैं. संयुक्त सचिव पद की बात करें तो इस पद पर एबीवीपी के उम्मीदवार वैभव मीणा को जीत मिली है. वहीं आईसा-डीएसएफ़ के नरेश कुमार संयुक्त सचिव पद की लड़ाई में दूसरे नंबर पर रहे हैं.
इसके अलावा यूनिवर्सिटी में काउंसलर के 44 पद के लिए भी वोटिंग हुई थी. जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष पद पर एबीवीपी की उम्मीदवार शिखा स्वराज ने दावा किया कि इनमें से 23 पदों पर एबीवीपी समर्थित उम्मीदवारों की जीत हुई है. इसके अलावा राष्ट्रीय जनता दल के छात्र संगठन के उम्मीदवार की स्कूल ऑफ़ इंटरनेशनल स्टडीज़ के काउंसलर पद पर जीत, जेएनयू छात्रसंघ चुनावों के लिए अब तक हुई मतगणना में सबसे ख़ास बात रही है. राजद ने एक्स पर इस जीत को लेकर लिखा, “देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय जेएनयू दिल्ली के छात्रसंघ चुनावों में छात्र राजद के काउंसलर पद के उम्मीदवार रवि राज ने भारी मतों से स्कूल ऑफ़ इंटरनेशनल स्टडीज़ में जीत दर्ज की है.”